दिल्ली यूनिवर्सिटी का पहला दिन था, और वहाँ नए दोस्त, नई किताबें और नए सपने थे। इस दौरान आरव और सिया की College Love Story की शुरुआत हुई। आरव, जो एक खुशमिज़ाज लड़का था, नए दोस्तों के साथ कॉलेज की दुनिया में खो रहा था। वहीं सिया, एक शांत और पढ़ाई में तेज़ लड़की, क्लास के कोने में बैठकर नोट्स बना रही थी। यह कहानी हमें बताती है कि कैसे एक साधारण सी दोस्ती धीरे-धीरे एक गहरी मोहब्बत में बदल जाती है, जो College Love Story के खूबसूरत लम्हों को सहेज कर रखती है।
पहली मुलाकात: दोस्ती की शुरुआत
आरव की पहली नज़र सिया पर पड़ी, और उसे एहसास हुआ कि यह लड़की बाकी सब से अलग है। वह किताबों में इतनी खोई रहती थी कि उसे अपनी आस-पास की दुनिया से कोई फर्क नहीं पड़ता था। आरव ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाय, मैं आरव!” सिया ने एक हल्की मुस्कान के साथ सिर हिलाया और बोली, “सिया।”
यहीं से शुरू हुई उनकी दोस्ती, जो धीरे-धीरे एक अनकही College Love Story में बदलने लगी। वे दोनों एक-दूसरे से जुड़ने लगे, और उनकी दोस्ती में प्यार की झलक दिखने लगी।
दोस्ती से बढ़ता प्यार
समय के साथ, आरव और सिया की दोस्ती और भी गहरी होती चली गई। सिया की दुनिया किताबों तक सीमित थी, लेकिन आरव ने उसे यह सिखाया कि ज़िंदगी सिर्फ पढ़ाई तक ही सीमित नहीं होती। दोनों मिलकर चाय पीने जाते, कैंटीन में बातें करते और लाइब्रेरी में एक साथ पढ़ाई करते। College Love Story का यह दौर उनकी ज़िंदगी का सबसे खास समय बन गया।
आरव के लिए सिया अब उसकी सबसे अच्छी दोस्त से कहीं ज्यादा बन चुकी थी, और धीरे-धीरे वह दोस्ती से कुछ ज्यादा महसूस करने लगा था।
कॉलेज के आखिरी साल की अनकही मोहब्बत
कॉलेज का आखिरी साल आ गया और दोनों को यह एहसास हो रहा था कि वे हमेशा साथ नहीं रह पाएंगे। एक दिन कैंटीन में बैठते हुए आरव ने मजाक करते हुए कहा, “सिया, अगर मैं तुझसे प्यार करने लगूं तो?” सिया ने हंसते हुए जवाब दिया, “तो मैं कहूंगी, पहले पढ़ाई पूरी कर लो, फिर प्यार करना!”
आरव हंसा, लेकिन उसके दिल में डर था कि अगर उसने अपने दिल की बात कह दी और सिया ने मना कर दिया, तो वह अपनी सबसे अच्छी दोस्त को भी खो देगा। इस बीच, दोनों की College Love Story एक गहरी चुप्पी में तब्दील हो गई।
जुदाई का दिन और पहला प्यार
कॉलेज का आखिरी दिन आ गया। आरव को पोस्ट-ग्रैजुएशन की पढ़ाई मुंबई में करनी थी, और सिया को जयपुर लौटना था। दोनों चुपचाप कैंटीन में बैठे थे, जैसे दोनों के दिलों में बहुत कुछ कहने को था, लेकिन जुबान से कोई शब्द नहीं निकल रहे थे। सिया के जाने के बाद आरव ने कहा, “कुछ भूल मत जाना।” सिया मुस्कुराई और बोली, “तू भी नहीं।”
इस छोटे से पल में ही आरव को एहसास हुआ कि उसकी College Love Story अधूरी रह गई थी, लेकिन फिर भी उसने अपनी मोहब्बत को दिल में छुपा लिया।
कई साल बाद – किस्मत का खेल
पाँच साल बाद, आरव एक सफल जर्नलिस्ट बन चुका था और सिया एक स्कूल टीचर। एक दिन एक शादी में दोनों की अचानक मुलाकात हो गई। वे पहले जैसे ही थे – आरव मजाकिया और चुलबुला, और सिया शांत और समझदार। दोनों ने पूरी रात बातें कीं, ऐसा लगा जैसे वे वर्षों बाद नहीं, कुछ ही दिन पहले मिले हों।
लेकिन आरव को यह नहीं पता था कि सिया की शादी तय हो चुकी थी। उसकी College Love Story अब एक ख्वाब बन चुकी थी।
अधूरी मोहब्बत
शादी के एक दिन पहले, सिया ने आरव को एक डायरी दी और कहा, “इसे तब खोलना जब मैं जा चुकी होऊं।” शादी के बाद, आरव ने वह डायरी खोली और पढ़ने लगा:
“आरव, काश उस दिन तूने मजाक में नहीं, बल्कि सच में कह दिया होता कि तुझे मुझसे प्यार है।
काश, मैंने भी हिम्मत दिखाई होती और तुझसे अपने दिल की बात कह दी होती।
काश, हमने अपनी मोहब्बत को अनकहा न छोड़ा होता…”
आरव की आँखों में आंसू आ गए। उसने डायरी बंद की और एक हल्की मुस्कान के साथ आसमान की तरफ देखा, जैसे खुद से कह रहा हो, “शायद, कुछ मोहब्बतें सिर्फ महसूस करने के लिए होती हैं, कहने के लिए नहीं।”
इस तरह, आरव और सिया की College Love Story एक अनकही मोहब्बत बनकर रह गई, जो दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेगी।
क्या आप भी किसी College Love Story के अनुभव से गुजर चुके हैं?
आपकी ज़िंदगी में भी कभी ऐसा प्यार आया है जो शब्दों से नहीं, सिर्फ एहसासों से समझा गया हो? अगर हाँ, तो हमें बताइए कि आपकी कहानी क्या है। क्या आपने कभी अपने दिल की बात नहीं कही और अब तक उसे महसूस करते हो? नीचे कमेंट सेक्शन में अपनी कहानी शेयर करें और जानिए दूसरों के दिल की बातें।
पढ़ते रहिए, क्योंकि प्यार की हर कहानी कुछ खास होती है!